Sunday, 2 July 2023

नौ सेना की बेटियां : के. पी. एस. चौहान

नौंसेना की बेटियां
________________

माई का दुध तो खूब पिया,
अब गाय का दूध पिया करो।
यूं मर-मर के क्या जीना,
ज़रा शेरों की तरह जिया करो।।

अनेक लोग आऐ, 
और चले गए इस दुनिया से ।
मरके भी हो जाए अमर नाम, 
काम कोई ऐसा किया करो।।

यूं मर-मर के क्या जीना,
जरा शेरनियों की तरह जिया करो।।

नौसेना की बेटियां,
         मां भारती की बिंदी है।
कोई दुश्मन सीमां मैं घूस नहीं पाएगा।
    जब तलक ये शेरनियां जिद्दी है।।

हमने तो सिर्फ घूंघट हटाया है सिर से ,
       मान-मर्यादा नहीं तोड़ेंगे।
किसी जालिम ने बुरी नजर,
         जो हम पर डाली।
  उसकी दोनों आंखें फोड़ेंगे।।

सरहद की तरफ जो कदम बढ़ाए तो ,
     उसकी दोनों टांगे तोड़ेंगे।
बार-बार जो सिर उठाया तो,
        गर्दन उसकी मरोडेंगें ।।

गाड़ देंगें जिंदा जमीन में,
उसको कहीं का नहीं छोड़ेंगे।

चूड़ियां पहनना छोड़कर 
इन हाथों में अब कृपाण हमने उठाई है।
मां भारती की रक्षा करने की 
कसम हमने खाई है।।

तिरंगे की तरफ जो उंगली उठाई तो 
हम हाथ उसका काटेंगे।
कश्मीर से कन्याकुमारी तक सर-जमीं को 
हम नर-मुंडो से पाटेंगे।।

हम जिएंगे या मरेंगे 
आजाद हमारा वतन होगा।
होगा नाम शहीदों में 
और तिरंगा हमारा कफन होगा।।

तिरंगा हमारा कफन होगा।
तिरंगा हमारा कफन होगा।।
        – आशु कवि के. पी. एस. , चौहान


No comments:

Post a Comment

परिणाम घोषित

शीर्ष स्थान :– 🥇प्रथम पुरस्कार विजेता : अद्वैत वेदांत रंजन (राशि: ₹1001/–) 🥈द्वितीय पुरस्कार विजेता : सीमा रंगा इंद्रा एवं ज्ञ...