अभिलाषा
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अभिलाषाएँ उड़ान भरने की, जैसे पंखों को उड़ान देने की,
मन की इच्छाएँ बादल बनकर, खुल कर बरसने की।
बीते लम्हों की छाया संग, धूप छाँव सा संवारने की,
जीवन की राहों पर नैया, आगे की ओर पार करने की।
सितारों से सजी आसमान, सपनों से आबाद करने की,
दिल की धड़कनों की गहराई, खोजते रास्ता नया बनाने की।
प्रेरणा के पंख लिए हम, आगे की ओर उड़ान भरने की,
अनमोल विचारों की धरती पर, खुदको फैलाकर रचने की।
सपने सच करने की भीड़ में, खुद को खोजने की खोज करें,
उधारनी ज़िन्दगी की उड़ान, पायें अपने रंग में रंग करें।
बदले भाग्य का सफर नया, जीवन की लहरों से टकराकर,
साहस से पंख फैलाएं हम, उड़ान भरें अपने सपनों की ऊँचाइयों को छू लें।
– लिपिका मुखर्जी
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