________________
सनातन संस्कृति से कैसा खिलवाड़ हो रहा है
हर गली में क्यों लव जिहाद हो रहा है।
दरिंदों का हौंसला भी बुलन्द हो रहा है
सच्चाई भी न्याय के लिए कानून के सामने रो रहा है
राजनीतिक दल सरेआम अंगड़ाई मोल ले रहा है
प्रशासन भी शर्मसार होकर छिप रहा है।
हिन्दुस्तान की भूमि पर कैसा कुकृत्य हो रहा है।
असभ्य हुई सोच का नग्न नृत्य हो रहा है
पुलिस भी समझाकर मनचलों को हार गई है
इश्क के इजहार को नजरों से मार गई है।
हर लड़का लड़की के पीछे दीवाना हो रहा है
लानत ऐसी मानसिकता पर , शिष्टाचार तार-तार हो रहा है।
सदाचार के सिद्धांतों का दमन हो रहा है।
मार्डन युग देखो कैसा चमन हो रहा है।
जिस्म के दीवानों का व्यापार फल फूल रहा है।
देश पतन की गर्त में झूल रहा है
– युवा कवि शिक्षक हरीश सोडानी ( महू )
No comments:
Post a Comment