दिल ने दिल से पूछा
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दिल ने दिल से पूछा
कहां खो गए हो तुम?
दिल ने बोला,
रिश्ता जोड़ना चाहा दिल से,
प्रेम भरी बातें करना चाहा,
मीठी-मीठी सपने सजाना चाहा।
पर दिल ने कहा,
रिश्ता झूठा है,
प्रेम नहीं यह सब धोखा है,
यहां सपने कांच की तरह टूट जाती है,
चारों और भ्रष्टाचार दुराचार है,
और हाहाकार है।
फिर दिल ने बोला,
चाहत का रंग सच्चा होता है,
प्यार का संगीत शीतल होता है,
ख्वाबों में सजाया हुआ अरमान सुंदर होता है,
इश्क में ताकत होती है,
जीवन का आधार दिल होता है।
तब दिल ने कहा,
ठीक है दोस्त,
तुम जीते मैं हारा,
कुछ पाने के लिए कुछ खोना है,
अच्छे दिल सच्चे दिल से मिलता है।
– सीता देवी , आसाम
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